मनुष्य एक बहु आयामी व्यक्तित्व का होता है वह योग खेम हेतु सतत् प्रयत्न शील रहता है
और उसी योग खेम में अपने आप को व्यस्त रखता है योग का अर्थ होता है अप्राप्त वस्तु की
प्राप्ति के लिए षतत् प्रयत्न शील रहना और खेम का अर्थ है कि प्रयास के बाद जो चीज
प्राप्त हो गई उसकी रक्षा करना इस सब के सम्पादन में मनुष्य का करतव्य बोध भी सजग
कराता रहता है । अगर मनुष्य कहीं कर्तव्य चित होने लगता है तो व्यवहारिक जीवन से उसे
सूक्तियाँ मार्ग दिखाती है जिससे मनुष्य अपने कार्य की निश्कलंक पूर्णता की ओर अग्रसर
होता है मानव हृदय सर्वथा ज्ञान की दिशा में गति करता है वह उसे अपने उद्योग और ज्ञान
से इस भवसागर को पार कर स्वंय के जीवन को सार्थक करना चाहता है। इसके लिए
मनुष्य को ज्ञान भंडार की आवश्यकता होती है जो उसे वेद, पुराण, इतिहास, उपनिषद एवं
संस्कृत साहित्य में उपलब्ध होता है इन सभी ग्रंथों में माननीय समस्याओं एवं सामाजिक
विषंगतियों से छुटकारा पाने हेतु स्थल-स्थल पर सुभाषित श्लोकों एवं सूक्तिया वर्णन
किया गया है मनुष्य के सर्वागीण विकास के लिए सुभाषित एवं सूक्तियों का बहुत बड़ा
महत्व है यह हमारे दैनिक जीवन के लिए संपूर्ण सफलता की कुंजी है । इसके आधार पर
हम चारों पुरुषार्थ धर्म,अर्थ, काम, एवं मोक्ष को अंतर्निहित कर सफल जीवन की कामना
करते हैं।
सूक्ति का तात्पर्य सु़उचित त्र सुंदर कथन। एसे सुंदर कथनों को हमारे भारतीय
मनीशियों, चिंतकों एवं लेखकों ने मानव के संपूर्ण उत्कर्स हेतु लिपिबद्ध किया है जो
‘‘ज्ञानाज्जनसलाकया’’ की तरह हमारे जीवन को दिव्य दृश्टि प्रदान करता है इस दिव्य
दृश्टि से दुविधा एवं अनिर्णय की स्थिति में पड़े मनुष्य को अपनी मंजिल का किनारा
दिखने लगता है। अर्थात मनुष्य को ज्ञान -विज्ञान , आचार- विचार एवं संपूर्ण ज्ञान हेतू ही
सूक्तियों का संकलन किया गया है महाकवि भवभूति की सूक्तिया आर्थिक, सामाजिक
,राजनैतिक, व्यवहारिक एवं आध्यात्मिक विचारों का संकलन है जिसके सम्यक ज्ञान से
मनुष्य सर्वज्ञ शुरू होकर पूर्णता को प्राप्त करता है सूक्तियां संतो की अमन वाणी होती है।
इनके अर्थ गहन और गंभीर होते है।जो किसी न किसी रूप से जीवन मुल्यों एवं
आदर्षो,मर्यादाओं की और इसारा करती है।
Nitya Publications, Bhopal MP, India is a fast growing publisher and serving at national and international level. We are publishing all type of books like educational books, seminar / conference proceeding, reports, thesis, story books, novels, poetry books and biographies etc with ISBN.