-20%

Social Share

झारखण्ड के गोंड जनजाति के सामाजिक एवं धार्मिक व्यवस्था

200.00 Original price was: ₹200.00.160.00Current price is: ₹160.00.

Name of writers /editors :

ISBN :

No. of Pages :

Size of the book :

Book Format :

Name of Publisher :

Edition :

डाॅ॰ निलेश निशिकांत

978-93-5857-235-3

82

A5

PAPERBACK

NITYA PUBLICAITONS

FIRST

-20%

झारखण्ड के गोंड जनजाति के सामाजिक एवं धार्मिक व्यवस्था

200.00 Original price was: ₹200.00.160.00Current price is: ₹160.00.

Social Share

Share on facebook
Facebook
Share on twitter
Twitter
Share on linkedin
LinkedIn

Description

मानव विकास के सभी स्तरों में पाया जानेवाला परिवार समाज की आधारभूत इकाई है। पितृसत्तात्मक परिवार होने के कारण वंशनाम पिता के वंश के आधार पर चलता है। इनके समाज मंे एकल परिवार तथा संयुक्त परिवारों का प्रचलन है।ख् साहु, डाॅ॰ चतुर्भुज, झारखण्ड की जनजातियाँ, 2012: के0के0 पब्लिकेशन्स, कटारा रोड इलाहाबाद-211002, पृ.संख्या -80, समाज की सबसे लघु इकाई है, यह सामाजिक संरचना तथा सामाजिक संगठन का छोटा स्वरूप है, यह सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक तथा मनोवैज्ञानिक क्रिया-कलापों का केन्द्र बिंदू है। यह उत्पादन, वितरण एवं उपभोग की इकाई है। विश्व के सभी समाजों में बच्चों का जन्म और पालन पोषण परिवार में होता है। बच्चों का संस्कार और समाज के आचार व्यवहार में उन्हें दीक्षित करने का काम मुख्य रूप से परिवार में होता है। इसके द्वारा समाज की सांस्कृतिक विरासत एक से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होती है।

× How can I help you?