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‘‘मूल्य आधारित षिक्षा के प्रभाव’’

300.00 Original price was: ₹300.00.240.00Current price is: ₹240.00.

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डॉ. लवीना निनामा, डॉ. विमल कुमार तिवारी

978-93-5857-123-3

89

A4

Paperback

Nitya Publications, Bhopal

First

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‘‘मूल्य आधारित षिक्षा के प्रभाव’’

300.00 Original price was: ₹300.00.240.00Current price is: ₹240.00.

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Description

जीवन के अलौकिक, पारलौकिक और इहलौकिक लक्ष्यों को प्राप्त करने वाली साधना का नाम षिक्षा है। कहा जाता है कि बिना पढे़ नर पषु कहावें सदा सैकड़ो कष्ट उठायें। कहने का आषय है कि षिक्षा के महत्व को लेकर हमेषा से समाज में एक ही बात और आयाम रहे। किन्तु विगत के कई वर्षों से जब से भारत में उदारीकरण आया की संकल्पना आयी तब से भारत के षिक्षा की संरचना में आमूल-चूल परिवर्तन हुए। अब षिक्षा का उद्देष्य सिर्फ रोजगार प्राप्त करना होगया। पहले के समय में षिक्षा का उद्देष्य समाज के लिए एक उपयोगी नागरिक की तैयारी थी। वैदिक काल में भी षिक्षा को धर्म की रक्षा के लिए एक अहम हथियार के रूप में लिया जाता था। धर्म की रक्षा के लिए राजा दषरथ ने अपने दोनों पुत्रों को अपने गुरू को सौंप दिया। कहने का सीधा सा अर्थ है पूर्व में हमारे देष में षिक्षा कहीं न कहीं अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए उत्तरदायी थी। आज के व्यस्ततम समय में जब पालक आपाधापी में सिर्फ अपने को धन कमाने तक केन्द्रित हो जाते हैं तब कहीं न कहीं इस दिषा में समस्या पैदा होने लगती है। बच्चों को जो परिवार एवं समाज तथा माता-पिता के प्रति स्नेह मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है। जिसका परिणाम वे अवसाद में जाने की स्थिति में देखा जा रहा है। इस दिषा में मूल्य परक षिक्षा का महत्व अत्यंत बढ़ जाता है। यह जहाँ समाज को प्रगतिगामी बनाती है वहीं पर आने वाले समय में एक स्वस्थ एवं समरस समाज के निर्माण के निर्माण में मदद देती है। इस दिषा में शासकीय महाविद्यालय, छापीहेड़ा के प्राचार्य एवं इस संगोष्ठी के संरक्षक का यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है। उन्होंने अल्प संसाधन के मौजदूगी में ऐसे महत्वपूर्ण विषय का चयन किया इसके लिए वे साधुवाद की पात्र हैं। मैं संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान तथा इसके संयोजक डॉ. विमल कुमार तिवारी एवं पूरे महाविद्यालय परिवार को बधाई देती हूं कि इस तरह के आयोजन के लिए सफल प्रयास किये। संस्था में आये हुए शोध पत्रों पर आधारित पुस्तक के सफलता के लिए मंगल कामना करती हूंँ।