“आप पोलर जी हैं ना?“ – उसने कंफर्मेश्न पा लेने के उद्देश्य से यह सवाल पूछा था। उसकी आँखों में अजीब सी जिज्ञासा झलक रही थी। सवाल पूछते समय उसने अपने होंठों पर बड़ी सी मुस्कान भी बिखेर ली थी। ऐसा करते वह अपने चेहरे पर नेचरल सी लग रही एक एक्साइटमेंट भी ले आई थी। उसकी इस मुस्कान के साथ ही दोनों गालों पर उभर आए डिम्पल अलग ही उठ कर विजय को दिखने लगे थे
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CONCISE-PATHOPHYSIOLOGY
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कर्नल-की-कहानियाँ-श्रंखला-भाग: 10
₹300.00 ₹270.00
Writer :Col. Vijay kumar Sharma
Edition : 1
Pager Size : A4
No. of Pages :251
ISBN :978-93-5857-014-4
: Paperback
Category: Story book
Tags: PATHOPHYSIOLOGY, उसकी आँखों में अजीब सी जिज्ञासा झलक रही थी।
Additional information
Weight | 0.25 kg |
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Dimensions | 31 × 21 × 1 cm |