भारत का एक सुदीर्घ इतिहास है और उसकी सामाजिक संरचना बहुत जटिल
है। इसके बहुरंगी संरूपों का संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करना आसान नहीं है। भारतीय
इतिहास में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है। इतिहास के विभिन्न काल खण्ड़ों में
नारी की स्थिति भिन्न-भिन्न रूपों में प्राप्त होती है जिसका सवांग चित्र प्रस्तुत करना
बहुत कठिन हैं। इस क्रम में यह तथ्य भी नहीं भूलना चाहिए कि स्त्री विषयक ढेर
सारी सामग्री उपलब्ध होने के बावजूद उनके महत्व एवं कार्यो का उचित अवलोकन
नहीं किया गया एवं इतिहास के पन्नों में अनेक महिलाएं उनके अविस्मरणीय कार्यों के
बावजूद गुम होकर रह गयी है। मेरे द्वारा इस पुस्तक में उन सभी महिलाओं का
स्मरण कर उनके कार्यों को समाज के सामने रखने की एक छोटी सी कोशिश की
गई है। इस तथ्य से मैं भी वाकिफ हूँ कि मेरी पूरी कोशिश के बावजूद मेरे द्वारा भी
अनेक वीरांगनाओं एवं साहस से परिपूर्ण अनेक महिलाओं का पक्ष प्रस्तुत करना रह
गया होगा। इसके लिए मैं हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ।
मेरे द्वारा इस पुस्तक की रचना हेतु इतिहास के पन्नों को पलटने की कोशिश
करते हुए अनेक लेखकों की रचनाओं को पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ जिससे मुझे
एक नये दृष्टिकोण से विषय को समझने की प्रेरणा मिली।