हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद 51,ए के अंतर्गत मौलिक कर्तव्यों में जनसामान्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने की बात कही गयी हैं । हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाकर ही एक विकसित तथा बेहतर समाज की स्थापना कर सकते हैं, लेकिन हमारे विकास में अतार्किक मान्यतायें एवं उनसे उपजने वाले अंधविश्वास सबसे बड़े बाधक है। विज्ञान के युग में जीवन व्यतीत करने के बावजूद भी हमारे समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी अनेक निर्मूल धारणाओं और अंधविश्वासों से घिरा हुआ हैं । आम जन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आभाव तथा अंधविश्वासों का परिणाम है कि हमारे देश में आज भी सैकड़ों महिलाएं ‘डायन’ तथा ‘चुड़ेल’ के नाम पर मार दी जाती है । कई तांत्रिक अबोध बच्चों की बलि दे रहे है । इन अंधविश्वासों के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते है । समाज में आए दिन किस्मत बदल देने, गढ़ा धन दिलाने, सोना-चांदी दोगुना कर देने वाले ढोंगी, लोगों को ठग रहे है । इन घटनाओं के घटित होने के पीछे लोगों मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी होना है ।
ऐसा क्यों होता हैं? वैज्ञानिक दृष्टिकोण 2.0 WHY DOES SO HAPPEN? A PERFECT WAY TO DEVELOP SCIENTIFIC ATTITUDE
₹330.00
Writer :Om Prakash Patidar
Edition : 1
Pager Size :6×8
No. of Pages :248
ISBN : 978-93-94894-50-1
Format : Paperback
Additional information
Dimensions | 25 × 18 × 2 cm |
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