“प्रभु आप सत्य में सर्वशक्तिमान हो तो, मेरी इस कान की समस्या का कोई आसान हल निकाल कर दिखा दो“- विजय ने गणपति भगवान से मन्नत माँग ली। वह बस से पिपलानी पोस्ट आफिस स्टॉप जो स्कूल के सामने था, पर उतर गया था। बस, स्टॉप से काफी आगे निकल आई थी। विजय की नजर, सी सेक्टर की तरफ नये स्थापित गणपति जी के मंदिर की तरफ पड़ी। आगे बढ़ते वह मन ही मन भगवान से डील करते हुए यह प्रार्थना करने लगा। वह दादर अमृतसर एक्सप्रेस से साढ़े ग्यारह बजे के करीब भोपाल पहुंचा था। दिल्ली से एनडीए के मेडिकल में टैम्पर्री अनफिट हुआ था। पिताजी तो घर पर थे नहीं। मन में चल रहे उद्वेग में उसे भट्ट सर ही मार्गदर्शक समझ आ रहे थे।
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कर्नल की कहानियाँ श्रंखला भाग – 4 आधारशिला स्वप्न बना था शक्ति(colonel ki kahaniyan shrankhla bhag-4 Aadharshila swapn bana tha shakti)
₹250.00 ₹200.00
Writers :colonel vijay kumar sharma (Retd) vijay mangal कर्नल विजय कुमार शर्मा ( रिटायर्ड )
विजय मंगल
Edition : 1
Pager Size : 5.8X8
No. of Pages :96
ISBN :978-93-93694-65-2
Format : Paperback & ebook
10 in stock
Additional information
Dimensions | 20 × 14 × 1 cm |
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