यह समपवण उन लोगों के प्रलत है| लजन्होंने मुझे सताया, तड़पाया, लगराया, लुटा| इसमें वे शालमल है लजन्हें मैंने आश्रय लदया, लेलकन उनने मुझे छला| लजनके ललए मैंने जीवन दान लदया, लजनको रोजगार में लगाया, लजनका जीवन सुधारा, लेलकन इन्होने लुटा ही| वे अलधकारी है लजन्होंने भ्रािार मैं सन कर अलधकारों का दुरूपयोग लकया, दवादपूववक अधीनस्थों से गलत करवाया, कलेक्टर, तहसील दार, राजस्वलनरीक्षक, पटवारी, पुललस, नेता, एवं सत् ताधारी भी हैं| इसमें स्वपररवार के माहव, ससुराज पक्ष के सगे भी है| इसमें वे धमवगुरु के िापलूस, भी है| इसमें न्याय की कुसी पर िैठे अयोग्यता के प्रभाव एवं भ्रािार एवं ठगी का व्यापार करने वाले है| अन्याय के पोषक हैं| केवल धमव के नारे लगाकर भीड़ िढानें वाले नकली लसयार शालमल है| वे मालिया है जो जमीनों की दलाली एवं हड़पने मैं जीवन लिताते है| वे भी शालमल है तंत्र मंत्र, पूजा पाठ, यज्ञ हवन के नाम केवल लुटते ही है| यह कड़वा सत्य की माला उन धूतों को अच्छी भी नही लगेगी| शायद वे सभी एक जुट अलधक उग्र िनकर सामूलहक या व्यलिगत घात भी कर सकते है| और ऐसा सोिने या करने वालों की हार हो िुकी होगी, क्योलक वे हार िुके है दानदाता की वृलत के अनुयायी ही है| मैं परमात्मा के सतमागव का एक छोटा पलथक ह ूँ| हार न मानने वाला, कभी न थकने वाला सत्य और न्याय का पलथक ह ूँ| िलता ही रह ूँगा, अपनी साधना राह पर| रानाडे
चमत्कारों की चाबी पार्ट – 1(Chamatkaro ki chabi part-1)
₹199.00
Writer : नारायण प्रसाद रानाडे Narayan prasad narade
Edition : 1
Pager Size : 5.83×8.27
No. of Pages :96
ISBN :978-93-94894-26-6
Format : Paperback
Additional information
Dimensions | 25 × 18 × 2 cm |
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