प्राचीन भारतीय ग्रंथों में नदी सहित विभिन्न जल स्रोतों के महत्व का विस्तृत वर्णन है। नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं थीं अपितु इन्हीं नदियों के तट पर हमारे ऋषि.मुनियों ने साधना कर विभिन्न वैदिक ग्रंथों की रचना की जो भारतीय सनातन एवं ज्ञान परंपरा के प्रमुख स्रोत हैं। नदी और अन्य जलस्रोतों को प्रणाम कर अपना जीवन सार्थक करने की भारतीय परंपरा अतिप्राचीन हैरू.