जैविक कृषि का महत्व
जैविक पद्धति न केवल भूमि बल्कि मानव मात्रा के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी उपयोगी पद्धति इसकी व्यापक उपयोगिता को इस प्रकार देखा जा सकता है।
1. भूमि की उर्वरा शक्ति में टिकाऊपन – जैविक पद्धति में प्रयुक्त की जानेवाली विभिन्न खादें न केवल भूमि को पोषक तत्व उपलब्ध करवाती है अपितु भूमि की संरचना सरन्ध्रता तथा जलधारण क्षमता में वृद्धि करती है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में निरंतर बढ़ोत्तरी होती है तथा भूमि लगातार अच्छी पैदावार देती है।
2. कृषि लागत में कमी – जैविक पद्धति में किसान अधिकतर उत्पाद, खाद तथा कीटनाश अपने स्थानीय स्त्रोतों से ही बना लेता है। इन उत्पादों की शुद्धता पर उसका स्वयं नियंत्रण होता है। इसाके कारण पौध पोषण तथा कीट नियंत्रण के लिए विभिन्न आदानों पर होने वाली लागत में भी कमी आती है।