(भारतीय इतिहास में सुधर और उसके भारतीयकरण की) लम्बे समय से चली आ रही इस मांग को, शायद! यह किताब पूरा कर सकती है, मैंने इसी दृष्टिकोण से यह किताब लिखी है, जिसमें भारतीय इतिहास के वो अनजान तथ्यों एवं पहलुओं को बहार लाने का प्रयास किया गया है, जो भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पालों की कहानी बताते हैं, और शायद उन्हीं पालों का हमारे इतिहास से ओझल होने के कारण हमारा इतिहास अधूरा–अधूरा सा लगता है । यह किताब भारत के स्वर्णिम काल कहे जाने वाले गुप्त साम्राज्य पर आधारित है, जैसे! हर किसी की ज़िन्दगी में एक सबसे बेहतरीन दौर आता जिसे वह हमेशा अच्छी यादों की तरह याद रखता है, इसी तरह गुप्त काल वो दौर था जब भारत में राम-राज्य आया । यह हमारा स्वर्णिम काल था यह दौर जो हमें हमेशा गर्व का अहसास करता है, इसी दौर से जुड़े कुछ हैरतअंगेज तथ्य और प्रमाण इस किताब के जरिये आपके सामने प्रदर्शित किए जा रहे हैं
रघुवंशम्(Raghuvansham)(कालिदास के महाकाव्य रघुवंशम पर आधारित) एवं (राजा विक्रमादित्य और गुप्त वंश को समर्पित)
₹500.00
Writer 🙁अभय सिंह रघुवंशी) Abhay singh raghuvansi
Edition : 1
Pager Size : 5.38×8.27
No. of Pages : 288
ISBN : 978-93-94894-43-3
Format : Paperback
Additional information
Dimensions | 25 × 18 × 2 cm |
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