मेरी यह पुस्तक “शेर ए अजमेर- वीरकुमार” मैं अपने आध्यात्मिक गुरु भगवान श्री ओशो रजनीश के पावन चरणों में अर्पण करता हूं जिन्होंने मुझे यह सीख दी कि, “व्यक्ति का जन्म होता है, उसी क्षण से उसकी मृत्यु की ओर यात्रा शुरु हो जाती है और जिस दिन उसकी बारी आती है उस दिन वह यात्रा पूर्ण होती है।”
इसलिए जी भर जियो ! कल हो, ना हो
हमेशा आनन्द से जियो और हर नये दिन पर भगवान से कहो कि
“हे ईश्वर ! आपने मुझे आज का दिन भी जीने का अवसर दिया,
यह आपका उपकार है।”
आप व्यर्थ ही अच्छे अवसरों को खोजने में लगे हो।
आप जिन्दा हैं। क्या यह बड़ा अवसर नहीं है?- ओशो