अलोक पराशर की काव्ययात्रा का दूसरा पङाव:
धबहार के मुजफ्फरपुर धनवासी कधव धमत्र अलोक पराशर का दूसरा काव्य संग्रह ‚संवेदना से संवाद‛ सतहे-अम पर अनेवाला है। यह सुखद समािार है। भाइ अलोक पराशर धहंदी के ईन कधवयों में हैं धजनकी कधवताओं में संवेदना भी है और तेवर भी। ईनकी धबंब प्रधान नइ कधवता पर भी ईतनी ही मजबूत पकङ है धजतनी धनराला के केंिुल छंद पर। ईनकी कधवताओं में प्रणय का राग भी है और धवछोह का ददु भी। सामाधजक सरोकारों की कटु ऄनुभूधत भी है और प्रकृधत की छत्रछाया की शीतलता का ऄहसास भी। वे महाभारत के ईपेधित महारथी कणु की वेदना भी महसूस करते हैं और ऄपराधबोध से ग्रधसत ह्रदय के पश्चाताप के भाव को भी शब्दों में धपरोने की कला भी जानते हैं।
संवेदना से संवाद ( Samvedna se samvad)
₹150.00
Editors : आलोक पराशर ( Alok parmar)
Edition : 1
Pager Size : A5
No. of Pages : 104
ISBN: 978-93-90390-48-9
Format : Paperback Ebook
Category: Literature Books
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