साहित्य के अपार भंडार में अपने विचार ,पुस्तक के रूप में रखना श्री,राम चंद्रजी के पुल बांधने में गिलहरी की भूमिका जैसा ही नगण्य है। स्वान्तः सुखाय, लेखन, मेरी प्रथम कृति “विचारों की अनुभूति” पर आप सभी के स्नेह व आशीर्वाद स्वरूप, प्रतिक्रियाओं ने उत्साह वर्धन किया है । यह सब ईश्वर की कृपा का ही फल है । मेरा यह सौभाग्य है, कि मुझे कार्य करने में परिवार का बहुत सहयोग मिला । प्रारंभ में मेरा किताब लिखने की बात लोगों को हास्य लगता था, पर जब श्री आर के सक्सेना जी, जो मेरे पति व प्रेरणा स्त्रोत हैं, ने इसको छपवाने का विचार किया,उसे मैं भी मजाक समझती रही । इसीलिए उसमे कई त्रुटियां रह गई थी । “विविध अंश ” में एक लंबे समय से अलग अलग समय में लिखे गए अंश के रूप में बिखरे लेख, कविताएं कहानियां समाचारों पत्रों में छपी रचनाएं, भजन आदि का संग्रह प्रस्तुत है । मैं पूर्व में भी बता चुकी हूं कि मैं कोई साहित्यकार नही हूं । अपनी अभिव्यक्ति स्वांतः सुखाय हेतु लिपि बद्ध करने का प्रयास करती हूं । सम्पूर्ण विश्व में विभिन्न घटनाएं, परेशानियां अपनी व दूसरो की, उन पर कुछ लिखने का मन होता है । अपने जीवन के लंबे अनुभव में कई घटनाएं, परेशानियां देखी व सुनी, महाविद्यालयीन वातावरण में युवा वर्ग की विभिन्न परेशानियां को सुलझाने के कारण, उन्हें सीख देते रहने की आदत, होने के कारण व महिलाओं में भी निराशा व दिशा हीनता को महसूस करते हुए,संदेश देने का प्रयास है । कभी कभी कुछ कहानियां अपनी सी लगती हैं । पर किसी पर किसी प्रकार का आक्षेप व व्यंग करने की भावना से कुछ नही लिखा है कभी दुख होता है,वर्तमान भौतिकता की अंधी दौड़ को देखकर, अवसाद, परेशानी को दूर करने की भावना से संदेश देने के प्रयास में यह प्रस्तुत है
।। विविध अंश ।।
₹199.00
Writers : डॉ. ( श्रीमती ) राज सक्सेना
Edition : 1
Pager Size : 7×10
No. of Pages :141
ISBN :
Format : Paperback
Categories: Educational Books, Story book
Tag: ।। विविध अंश ।।
Additional information
Dimensions | 25 × 17 × 2 cm |
---|